श्रीमद्भागवत महापुराण कथा
सबसे प्राचीन धर्मनगरी के रूप में प्रसिद्ध की पावन धरा — काशी
वह पुण्यभूमि, जहाँ आदिकाल से संत-महात्माओं की तपस्या और आध्यात्मिक साधना की धारा प्रवाहित होती रही है। काशी, जहाँ हर घाट, हर गलियारा और हर कण में मोक्ष की ज्योति प्रज्वलित है। यह नगरी जहाँ जीवन और मोक्ष का संगम होता है, एवं स्वयं महादेव की लीला भूमि मानी जाती है।
इसी दिव्य काशी की भूमि पर, परम पूज्य श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरि जी महाराज के पावन सान्निध्य में पावन पितृ पक्ष के शुभ अवसर पर आरंभ हो रही है मंगलमयी श्रीमद्भागवत महापुराण कथा।
दिनांक: 15 सितम्बर से 21 सितम्बर
कथा स्थल: कैलाश मठ (डॉ. ऊषा गुप्ता लेन), महमूरगंज रोड, बिरदोपुर, वाराणसी
समय: दोपहर 1:00 बजे से 4:00 बजे तक
प्रसारण: सत्संग TV चैनल एवं YouTube (Swami Ashutoshanand)
कथा श्रवण का महात्म्य
● श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से जीवन में भक्ति, शांति, सुख और आत्मिक आनंद का संचार होता है।
● यह कथा सांसारिक भय, क्लेश और मोह से मुक्त करने वाली है।
● यह कथा केवल धर्मज्ञान ही नहीं देती, बल्कि जन्म-जन्मान्तर के बंधनों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
● काशी जैसी मोक्षनगरी में कथा श्रवण करने से पितरों की आत्मा को भी तृप्ति प्राप्त होती है और साधक का जीवन धन्य हो उठता है।
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