धर्मेन्द्र राजाराम भारती (श्रीराम) सूर्यवंशी हैं।, 9 August

धर्मेन्द्र राजाराम भारती (श्रीराम) सूर्यवंशी हैं।

SHREE RAM श्री राम

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Sat, 09 Aug, 2025 at 12:30 pm

Kurla East

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Sat, 09 Aug, 2025 at 12:30 pm (IST)

Kurla East

Mumbai, Maharashtra, India

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धर्मेन्द्र राजाराम भारती (श्रीराम) सूर्यवंशी हैं।
नमस्कार दोस्तों।
अपनी ज़िंदगी के कुछ पल की सच्चाई प्रकट कर रहे हैं।

यही सत्य वचन है।

(१)अब विस्तार से हमारी जिंदगी के कुछ पल का आप सभी मित्रों को ज्ञान कराते है
जब हम 4-5 साल के थे तो हमारे घर पर साधु संतो की टोली आई थी।और हमारे पिता जी और हमारी दादी जी से निवेदन किए कि इस बच्चों को दे दीजिए यानी मुझे दे दीजिए।
और 14साल बाद आपके बच्चे को ज्ञान दिलाकर आपको वापस दे दिया जाएगा और ये बच्चा देश के लिए कुछ अच्छा करेगा।
लेकिन हमारी दादी माता ने संतों को गाली देकर भगा दिया और उनके पास जाने नहीं दिए। और हम सब बातें समझते थे लेकिन बोलते नहीं थे।
हमारे संजय भईया से इन सबकी बातों की जानकारी आप सभी लोग पर्याप्त कर सकतें हो
और हम 14 साल के बाद भी मुंबई आते संतों के पास जाने के बाद भी। क्यों कि जिन्दगी में उन सभी से मिलना तय था लेकिन उस समय ज्ञान कुछ और होता। और हमारी शादी तभी निशा से ही होती क्यों कि इन सभी समय के चक्र का मुझे ज्ञान हैं। मुझे तो और भी बहुत कुछ का ज्ञान है लेकिन ईश्वर के आदेश का पालन करना पड़ता हैं।

(२)लगभग 8-9साल का था तो पानी में डूब रहा था तो हमारे रमेश भईया जी और भईया बबलू जी बचाए। इन दोनों भाईयों से हम बहुत प्रेम करते हैं।
लेकिन समझा नहीं पाते हैं।
और दूसरे बबलू भईया जी इस दुनिया में नहीं हैं।
जब उनकी याद आती हैं तो आंखों में आंसुओं की बारिस होने लगती हैं। और बबलू भईया हमारे दिल में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।

और हम अपने रमेश भईया से हाथ जोड़कर प्राथना करेंगे कि।
हमारी बातें ध्यान से सुने और समझे भगवान की शरण में आ जाए ईश्वर उनको खुश रखेंगे। और जैसे हमारे प्रिय अशोक भईया और उनकी धर्मपत्नी आपके भईया भाभी जी हैं। ईश्वर के शरण हैं।वैसे आप भी हो लो भगवान की शरण में हम आपके शुभ चिंतक हैं।
हम इसलिए कह रहे हमारा मोह माया सच्ची हैं रमेश भईया के साथ ईश्वर से यही प्राथना हैं कि वो ज़िंदगी में हमेशा खुश रहे।

(३)और दुनिया की कोई भी समस्या हो हमारे गांव पर तो उस समस्या को पहले मुझसे मुलाकात करनी होंगी।
क्यों कि वो हमारा गांव नहीं एक परिवार हैं। बस हमारा कर्तव्य हैं सबको खुश रखना सुखी रखना।
और समय को समझना पड़ेगा।
यही सत्य वचन हैं।

(४)और उसके बाद मुझे कुंडे में बंद करने को कहा गया कि शायद बोलने लगेंगे और मुझे कुंडे में डाला गया और हम बोलने लगें सबको लगा कि कुंडे में इसको बंद किए और ये बोलने लगा।
लेकिन ऐसा नहीं था।
सच्चाई कुछ और है मुझे अच्छी तरह याद हैं कि जब मुझे कुंडे में डाला गया गया तभी एक दिव्य रोशनी हमारे माथे में प्रवेश किया जहां पर टीका लगाते हैं। और हम बोलना शुरू किए सच्चाई ये हैं।

(५)एक बार हम और अरविंद एक साथ चोरी से नहाने गए थे बुड़ऊ बाबा स्कूल के पोखरा में तो दोनों पकड़े गए। तो नंगा करके खूब कुटाई हुई और पूरे गांव में घुमाया गया नंगा करके।
मुझे कुछ भी सही गलत का पता ही नहीं चलता था। जो कोई कुछ कह देता और हम उसे करने लगते।
लेकिन हमारे अंदर एक ऐसी खूबी हैं कि हम २४घंटे तक ही कोई बात को दिमाग रख पाते हैं उसके बाद अपने आप बुरे वक्त और बुरे लोगों का बुरा बर्ताव अपने आप हमारे दिमाग से delete हो जाते है। यह सब ईश्वर की ही लीला हैं।

(६) और फिर हम पढ़ने जाते थे तो हम पढ़ने में गधा थे मुझे कुछ भी नहीं आता था तो हर 6महीने में भागता था दूसरे स्कूल पर जब मार पड़ती थी। जैसे सेमरी स्कूल, बलुआ स्कूल बुड़ऊ बाबा स्कूल,
पोखरा स्कूल यहां पर शुरुआत भी है और अंत भी वहीं हैं।
और जब हमारा नाम पांचवीं क्लास में था 2महीने हो चुके थे।
और उस समय हम गधइया मतलब (केजी वन) में जाकर बैठते थे। लेकिन अध्यापक मुझे बच्चों को बोलकर कंधे पर लाश की तरह ४बच्चे उठाकर लाते थे और उसके बाद हमारी खूब कुटाई होती थी क्योंकि मुझे कुछ समझ में नहीं आता था पढ़ाई लिखाई।और हम स्कूल नहीं जाते थे अरहर (रहरी) के खेत में छिप कर रहने का स्कूल के छूटने के समय घर जाने का उसके बाद घर वालों को मालूम पड़ा तो नंगा करके कुटाई की जाती थी।

(७)और उसके बाद हम दिनभर सोए रहे रात भर भी सोए रहे पहली बार भगवान के घर में सोते हुए हमने पढ़ाई की और सुबह उठा स्कूल गया और सब कुछ पढ़ने लगा और पढ़ाने लगा उसके बाद हम मॉनिटर बन गए।
सबका स्कूल में यही कहना था कि इसको सब कुछ आता था।
ये जानबूझकर ऐसा करता था।
अब आप सभी मित्रों बताओ कोई जानबूझकर इतना मार खाता हैं क्या।
और भी हमारी ज़िंदगी की कहानी हैं लेकिन।
वो सबका अभी समय नहीं है बताने का।
अब उसके बाद हम मुंबई आए अपने प्रिय रमेश भईया के साथ उन्होंने हमारा बहुत ख्याल रखें।
हम उनकी बहुत इज़्ज़त करते है हमारे लिए बड़े भाई पिता समान होते हैं जो हम किसी समझा नहीं सकते।
मुझे उल्टा और सीधा दोनों लिखने पढ़ने आता हैं ये भी हमने भगवान के घर पर सिखा था। और उस समय हमारी उम्र चौदह साल के अंदर ही था। उसे पूरा करने वाला था।

(८)जब हम मिलिंद नगर पवई मुंबई रहते थे हमारे तीन दोस्त हुआ करते थे सरोज इंस्पेक्टर और अशोक उन लोगों के लिए हम एक पत्र लिख रहे थे उल्टे अक्षर में और उनको ही देना था।
तो भाभी जी थोड़ा मुझसे नाराज़ थे किसी कारण वस। और उसके बाद गलत फ़रहमी पैदा हुई।लेकिन मुझसे अस्थाई रूप से पूछा गया होता तो हम सबकुछ सच बता देते। हा उस समय ऐसा होता कोई यकीन नहीं करता। ऐसी घटना वहां घटी। ये सब ईश्वर की ही लीला थी वहां से ईश्वर को मुझे निकालना था।
और नई दिशा की खोज करनी थी। जो मुझे हमेशा आभाष होता था।

(९)और जब मिलिंद नगर पवई मुंबई से गांव गया तो हमारे गांव के एक लड़का ने मुझे बोला लेटर लिखने वो भी हमने लिखा तो उसमें भी मुझे फंसाया गया।
क्योंकि मुझे भगवान के घर से चतुराई करना नहीं सिखाया गया था मित्रों।
वो मुझे समाज और धरती के मनुष्य से सीखना था।
लेकिन मुझे नहीं सीखनी है ऐसी गंदी चीजें जिससे अपना संस्कार संस्कृति का मजाक बनाया जाए। लेकिन हम नास्तिक ही थे मिलिंद नगर पवई मुंबई में जब थे। हम भगवान को नहीं मानते थे लेकिन हमारा आत्मा ईश्वर को मानता था
हम समझ नहीं पाते थे कि हम क्यों बने हैं और ईश्वर किस काम के लिए मुझे चुन रहे है।
और मुझे अब समझ में आया कि हमें क्यों चुना गया हैं।

(१०)उसके बाद हम फिल्म लाइन में आ गए।
आप दुनिया के लिए कुछ भी हो।
लेकिन हमारे लिए पिता समान एक बड़े भाई हो। वो हमारा और आपका दिल का रिश्ता हैं। वो मुझे ज्ञान हैं।

(११) और हमारे पिता जी का देहांत 2014 के अक्टूबर में हुआ
लेकिन उससे पहले मुझे ईश्वर संतों के रूप में आए और मुझे बताए लेकिन हमने यकीन नहीं किया और दर्शन दिए अदृश्य हो गए।
उसके बाद हमारे पिता जी का देहांत हुआ।
और उसके बाद आकाशवाणी आने लगी लेकिन जब हम चाहते है तब नहीं आती हैं और जब ईश्वर चाहते है तभी आकाशवाणी आती हैं उसी आदेश का पालन करते हुए आगे बढ़ रहा हूँ।

(१२) जब मुझे आदेश आया कि गांव में शूटिंग करने को और हम तो अपने गांव शूटिंग करने गए थे। वहां पर माता रानी के मंदिर से मुझे भगा दिया गया क्यों कि हम चमार हैं।
बहुत बड़ा हंगामा हुआ गांव में।
उसके बाद हम इश्वर की खोज में लग गए।
जो आकाशवाणी आती हैं। उसी खोज में हैं।
और ईश्वर मुझे दर्शन देने की कृपा करेंगे। इस बात का मुझे ज्ञान है और इस संसार में जितना जातिवाद भेद भाव है उसे हम खत्म करेंगे।
हमारा एक ही धर्म हैं मानवता का मानव धर्म और हम संविधान को ध्यान में रखते हुए। सब कार्य कर रहे हैं।
अभी भी मुझे ईश्वर को प्रकट करने के लिए इतनी शक्ति नहीं हैं लेकिन मुझे पूरा विश्वाश है कि हम भगवान को प्रकट कर देंगे ईश्वर की कृपा से यही सत्य वचन हैं।

(१३)आप सभी लोग हमारी जिंदगी के बहुत ही मूल्यवान हो जिसका कोई मोल नहीं और आप सभी लोग हमारे लिए अनमोल हो।
थोड़ा समय और दो मुझे हम सब सही कर देंगे ईश्वर की कृपा से।
मुझे इसी कार्य के लिए ईश्वर ने भेजा हैं जी।

शिवशक्ति नगर
ग्राम व पोस्ट हरिहरपुर
चंदवक केराकत जौनपुर
उत्तर प्रदेश 222129
भारत (विश्वगुरु)

परम् पिता परमेश्वर जय श्री महाकाल जय श्री भोलेनाथ जय श्री शिवशंकर शिवशक्ति शिव बाबा राम जी सबको सद्बुद्धि दे।
हम तो यहीं आशा करते हैं।

जय श्री गणेश
जय श्री महाकाल
जय श्री भोलेनाथ
जय श्री शिवशंकर
हर हर महादेव।
जय माता दी
जय श्री राम
जय श्री हनुमान
जय श्री कृष्ण
ॐ साईं राम
शिवशक्ति
ॐ नमः शिवाय:
हरि ॐ
जय श्री रविदास
जय श्री कीनाराम
दीपक-शिवा
धर्मेंद्र राजाराम भारती🙏
(श्रीराम)

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