प्रस्तावित उप-विषय -
·वेद एवं उपनिषदों में तत्त्वचिंतन
·सांख्य, योग, वेदान्त एवं मीमांसा में तत्त्वमीमांसा
·बौद्ध, जैन एवं लोक परम्पराओं में तत्त्व-विचार
·साहित्य एवं काव्यशास्त्र में तत्त्व की अभिव्यक्ति
·संस्कृत व्याकरण में तत्त्व की अवधारणा
·आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्साशास्त्र में तत्त्व
·भारतीय संगीत एवं नाट्यशास्त्र में तत्त्व विमर्श
·आधुनिक विज्ञान एवं पर्यावरण चिंतन में तत्त्व की प्रासंगिकता
(अन्य संबंधित विषयों पर भी शोधपत्र आमन्त्रित हैं)
आगामी संगोष्ठी में भारत के विभिन्न अंचलों से उपस्थित विविध वर्ग के श्रोताओं के सम्मुख अपने शोधपत्र प्रस्तुत करने हेतु छात्र-छात्राएँ, शोधार्थी, प्रौढ़शोधी (पोस्टडॉक्टरल फेलो), विद्यालयों के शिक्षक एवं प्रधानाचार्य, विभिन्न विषयों के प्राध्यापक, शोधकर्ता, नीति-निर्माता तथा गैर-सरकारी संगठनों के पदाधिकारी सादर आमंत्रित हैं।
जो प्रतिभागी बिना शोधपत्र प्रस्तुत किए केवल संगोष्ठी में सम्मिलित होना चाहते हैं, वे केवल गूगल प्रपत्र भर कर अपनी सहभागिता की अभिरुचि सूचित करें। प्रमाणपत्र हेतु निर्धारित शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा।