� तारीख: 21 जून 2025
� स्थान: शकरपुर, सिंगवाड़ा, दरभंगा, बिहार
इरशाद आलम पूर्व जिला परिषद प्रत्याशी संख्या 2/1
आज का दिन बहुत ही खास है – न सिर्फ़ इर्शाद भाई के जीवन का, बल्कि हम सबके दिलों का भी।
आज हम यहाँ इकट्ठा हुए हैं एक ऐसे शख़्स के जीवन के नए अध्याय की शुरुआत का गवाह बनने, जिनकी पहचान सिर्फ़ एक दोस्त या भाई तक सीमित नहीं है – बल्कि वो एक उम्मीद हैं, एक विश्वास हैं, और एक सपना हैं – अपने क्षेत्र, अपने गांव, और अपने लोगों के लिए।
हल्दी का रंग सिर्फ़ शरीर को नहीं सजाता, ये आत्मा को भी शुद्ध करता है।
आज जब इर्शाद भाई के चेहरे पर हल्दी लगी, तो उसमें हमें सिर्फ़ दूल्हे का रूप नहीं दिखा – हमें दिखा एक सेवक का, एक नेता का, और एक अपनेपन से भरे इंसान का चेहरा।
इर्शाद भाई ने हमेशा एक ही बात कही –
'मैं राजनीति करने नहीं, सेवा करने आया हूँ।'
और यही वजह है कि आज गांव का हर बच्चा, हर बुज़ुर्ग, हर नौजवान उन्हें सिर्फ़ एक प्रत्याशी नहीं, बल्कि एक परिवार का हिस्सा मानता
धन्यवाद �/ मोहम्मद इसाफ (पंचायत शंकरपुर)