|| ॐ गं गणपतये नमो नमः ॐ दुर्गा देव्यै नमः ||
करालवदनां घोरां मुक्तकेशीँ चतर्भुताम्।
कालरात्रिं करालिंका दिव्यां विद्युत्मालाविभूषिताम्।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी।।
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी।।
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन जगतजननी मां दुर्गा जी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि देवी जी को समर्पित है,आज सप्तमी दीन 12-26 तक तदुपरांत अष्टमी
हे मां कालरात्रि आप से सदैव करबद्ध प्रार्थना करते हैं कि सभी दुखों संकटों विघ्नों को विनाश कीजिए तथा उत्तम स्वास्थ्य सुख शांति समृद्धि यश वैभव प्रदान कीजिए।।
प्रेम से बोलो जय माता दी।।
जयकारा मां काली दा।।
ह्रदय प्रिय मित्रों को शुभ नवरात्रि के सातवें दिन की मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं।।
ॐ कालरात्र्यै नमः ॐ ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ( आचार्य रूपेश पाठक ) मनमानस ज्योतिष अनुसंधान केन्द् [ पटना]
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