तौहीद के हिस्से:
1. तौहीद फ़ी-ज़ात (توحید فی الذات)
अल्लाह की ज़ात (स्वरूप) बिल्कुल अकेली है। न उसका बेटा है, न बीवी, न ही उसका कोई समान।
👉 कुरान: “कह दो, वही अल्लाह एक है। अल्लाह बे-नियाज़ है। न उसने किसी को जना और न वह जना गया। और न कोई उसका हमसर है।” (सूरह इख़लास 112:1-4)
2. तौहीद फ़िस-सिफ़ात (توحید فی الصفات)
अल्लाह के गुण सिर्फ उसी के लिए हैं—जैसे इल्म (हर चीज़ का ज्ञान), क़ुदरत (हर चीज़ पर क़ाबू), रहमत (दया), इंसाफ़। ये सब गुण सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के लिए मुकम्मल हैं।
3. तौहीद फ़िल-इबादत (توحید فی العبادة)
इबादत सिर्फ अल्लाह के लिए है—नमाज़, रोज़ा, दुआ, सज्दा, कुर्बानी आदि किसी और के लिए करना शिर्क (गुनाह-ए-अज़ीम) है।
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शिर्क का इंकार:
तौहीद का असली मकसद है कि इंसान सिर्फ अल्लाह को माने और उसके साथ किसी को शरीक न ठहराए—न नबी, न वली, न पीर, न किसी और मख़लूक़ को।