आम: मिठास का राजा, मोटापे का दुश्मन या भ्रम?, 2 March

आम: मिठास का राजा, मोटापे का दुश्मन या भ्रम?

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आम: मिठास का राजा, मोटापे का दुश्मन या भ्रम?
आम: मिठास का राजा, मोटापे का दुश्मन या भ्रम?
📚📖📙 आलेख: अनूप सिंह...✍️
गर्मियों का मौसम आते ही आम की खुशबू चारों ओर फैल जाती है। स्वाद, रंग और रस से भरपूर यह फल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी का पसंदीदा होता है। भारत में इसे “फलों का राजा” कहा जाता है, और यह सिर्फ स्वाद के कारण नहीं, बल्कि अपने पोषण मूल्य के कारण भी महत्वपूर्ण है। लेकिन जब बात वजन घटाने या मोटापे से जूझ रहे लोगों की होती है, तो आम को लेकर भ्रम पैदा हो जाता है। क्या आम मोटापा बढ़ाता है? क्या यह ब्लड शुगर के लिए हानिकारक है? क्या आम खाना वजन घटाने वालों के लिए निषिद्ध है? आइए इन सवालों का वैज्ञानिक और व्यवहारिक विश्लेषण करें।

100 ग्राम आम में औसतन 60 से 70 कैलोरी होती है। इसमें लगभग 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.6 ग्राम फाइबर, और विटामिन A, C, E, B6 जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम और फोलेट भी होता है। हालांकि आम में वसा (fat) और प्रोटीन की मात्रा बहुत ही कम होती है, लेकिन इसकी शर्करा (natural sugar) की मात्रा अधिक होती है। यदि कोई व्यक्ति एक मध्यम आकार का आम खाता है (लगभग 200–250 ग्राम), तो वह लगभग 120–150 कैलोरी प्राप्त करता है।

यदि हम आम को फ्रूट श्रेणी में कैलोरी के आधार पर देखें, तो यह मध्यम कैलोरी फल माना जाएगा। सेब, संतरा या अमरूद की तुलना में इसमें अधिक कैलोरी होती है, जबकि केला या चीकू से थोड़ी कम। खास बात यह है कि आम में जो शर्करा होती है, वह प्राकृतिक होती है न कि प्रोसेस्ड। इसलिए इसे केवल कैलोरी के आधार पर वजन बढ़ाने वाला फल कह देना उचित नहीं होगा।

लेकिन यदि आम का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो इससे नुकसान भी हो सकते हैं। पहला बड़ा नुकसान है – ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि। आम में मौजूद फ्रुक्टोज और ग्लूकोज यदि अत्यधिक मात्रा में शरीर में जाएं तो विशेषकर डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। दूसरा नुकसान – वजन बढ़ना। यदि कोई व्यक्ति एक बार में दो-तीन आम खाता है और उसकी फिजिकल एक्टिविटी शून्य है, तो यह कैलोरी सरप्लस बनकर चर्बी में बदल सकती है।

तीसरा नुकसान पाचन से जुड़ा है। अधिक आम खाने से गैस, एसिडिटी और दस्त की शिकायतें हो सकती हैं। कुछ लोग ठंडा आम फ्रिज से निकालकर खाते हैं, जिससे शरीर में गर्मी और ठंड का टकराव पाचन प्रणाली को प्रभावित करता है। आयुर्वेद के अनुसार आम की प्रकृति उष्ण होती है। इसलिए इसे सीमित मात्रा में और सही तरीके से लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त, अधिक आम खाने से नाक से खून आना, मुंह में छाले और गर्मी की शिकायतें बढ़ सकती हैं।

मोटापे की बात करें तो इसका कारण सिर्फ आम खाना नहीं है। असल में मोटापा तब होता है जब हम जरूरत से अधिक कैलोरी खा लेते हैं और खर्च कम करते हैं। यह प्रोसेस्ड फूड, मीठे पदार्थ, शारीरिक निष्क्रियता, तनाव, नींद की कमी और हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है। यदि आम को संतुलित आहार का हिस्सा बनाकर खाया जाए, तो यह मोटापे का कारण नहीं बल्कि स्वाद और पोषण का जरिया बन सकता है।

आम से परहेज़ की ज़रूरत तब है जब उसे गलत तरीके से खाया जाए – जैसे आमरस, मलाई, चीनी के साथ, या खाने के तुरंत बाद। इसके विपरीत अगर आम को सुबह खाली पेट, वर्कआउट के बाद, या भोजन से 2-3 घंटे पहले खाया जाए, तो यह नुकसान नहीं करता। साथ ही एक बार में 1 से अधिक आम न खाएं और दिनभर में केवल एक बार ही इसका सेवन करें।

आयुर्वेद के अनुसार आम को पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला माना गया है, लेकिन इसे सही अनुपान (साथ में लिया जाने वाला पदार्थ) के साथ लेना जरूरी है। जैसे त्रिफला या सौंठ के साथ आम का सेवन पाचन में सहायक होता है। लेकिन दूध और आम का संयोजन विपरीत आहार माना जाता है – इससे त्वचा रोग हो सकते हैं। साथ ही आम खाने के बाद तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे गैस और एसिडिटी हो सकती है।

डायबिटिक व्यक्ति भी सीमित मात्रा में आम खा सकते हैं। यदि एक बार में 100 ग्राम आम खाया जाए, और दिन में अन्य शर्करा स्रोतों को नियंत्रित किया जाए तो नुकसान नहीं होगा। इसके साथ बादाम जैसे प्रोटीन स्रोत लेने से ब्लड शुगर स्पाइक को रोका जा सकता है।

यदि आम की तुलना अन्य फलों से की जाए, तो यह अधिक कैलोरी वाला फल नहीं है लेकिन सीमित मात्रा में ही उपयुक्त है। अमरूद, सेब और तरबूज जैसे फलों की तुलना में इसमें अधिक शर्करा होती है लेकिन केला, अंगूर और चीकू से कम या बराबर होती है।

वजन घटाते समय यदि आम को फलों की थाली का हिस्सा बनाया जाए – जैसे खीरे, पपीते या तरबूज के साथ – तो यह संतुलन बनाए रखता है। यदि किसी दिन अधिक व्यायाम हुआ हो, या वॉक के बाद कोई फल चाहिए हो, तो आम बेहतर विकल्प बन सकता है। लेकिन इसे आदत न बनाएं। सप्ताह में 3–4 बार ही खाएं और हर बार 1 आम से अधिक न लें।

निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि आम कोई दुश्मन नहीं है। यह प्रकृति का स्वाद भरा उपहार है। अगर इसे समय, संयम और संतुलन के साथ खाया जाए, तो यह वजन घटाने की राह में कोई बाधा नहीं बनेगा। उल्टे इसका स्वाद आपके डाइट प्लान में मिठास भर सकता है। याद रखें, वजन घटाने का असली रहस्य केवल एक फल के त्याग में नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवनशैली की जागरूकता और अनुशासन में है।

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