सरसों की फसल में सल्फर (गंधक) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि यह तेल की मात्रा और दानों की गुणवत्ता को बढ़ाता है। सल्फर डालने का सही समय और तरीका निम्नलिखित है:
*📍सल्फर डालने का सही समय:*
1. *बुवाई के समय (बेसल डोज़):* सल्फर को बुवाई के समय ही मिट्टी में मिला देना सबसे अच्छा होता है। यह पौधे को शुरुआत से ही सल्फर की आवश्यकता को पूरा करता है।
2. *टॉप ड्रेसिंग (जरूरत हो तो):* यदि मिट्टी में सल्फर की कमी हो, तो 30-35 दिन बाद जब पौधे में 5-6 पत्तियाँ आ जाएं या फूल आने से पहले टॉप ड्रेसिंग की जा सकती है।
*📍सल्फर की मात्रा प्रति एकड़:*
- 10-12 किलो सल्फर (S) की आवश्यकता होती है।
- यदि सल्फर युक्त खाद का उपयोग कर रहे हैं, तो मात्रा इस प्रकार रखें:
- बेंटोनाइट सल्फर (90%): 12-15 किलो प्रति एकड़
- जिप्सम (18% S): 60-70 किलो प्रति एकड़
*📍सल्फर देने का तरीका:*
- *बुवाई के समय:* अन्य खादों (DAP, यूरिया, पोटाश) के साथ मिलाकर मिट्टी में मिला दें।
- *टॉप ड्रेसिंग के समय:* बारीक पाउडर वाली सल्फर मिट्टी में हल्की सिंचाई के साथ डालें ताकि पौधे को जल्दी अवशोषण हो।
*📍महत्वपूर्ण बातें:*
- सल्फर को बीज के सीधे संपर्क में न आने दें।
- सिंचाई के बाद या नमी वाली मिट्टी में सल्फर डालना बेहतर होता है।
- सल्फर की कमी से पत्तियाँ पीली और छोटी रह जाती हैं, फूल और फली कम लगती है।
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