*श्वेत प्रदर या सफेद पानी*
*[Leucorrhoea Or White Discharge]*
*कारण और निवारण*
महिलाओं के लिए श्राप एक ऐसी बीमारी जिसमें महिला योनि से कभी सफेद कभी मटमैला,कभी पतला कभी गाढ़ा,कभी चावल की मांड की तरह तो कभी दूध की तरह,कभी अत्यन्त दुर्गन्ध युक्त कभी बिना गन्ध,कभी अल्प और कभी इतना अधिक कि कपड़े भीग जाएँ,एक प्रकार स्राव(द्रव तरल)निकलता रहता है!
साधारण भाषा में महिला के योनिमार्ग से होने वाले सफेद रंग के पूय युक्त स्राव होने वाली बीमारी का नाम है श्वेत प्रदर या सफेद पानी Leucorrhoea Or White Discharge.
*कारण:-*
आलस्य!
चिन्ता,भय,शोक, तनाव,अवसाद और अत्यधिक क्रोध!
उत्तेजक पदार्थों(मांस मछली अंडा शराब चाय कॉफी तेज़ मिर्च मसाले) का अतिसेवन!
दवाईयों का चिकित्स्क की सलाह बिना सेवन!
कामोत्तेजक अश्लील साहित्य,धारावाहिक और सिनेमा!
अत्यधिक सहवास!
अल्पायु में गर्भवती होना या बार बार गर्भपात!
अनियमित मासिक धर्म!
जननेन्द्रिय में संक्रमण घाव फोड़ा फुन्सी या रसौली!
श्वास(दमा) जीर्ण कास(पुरानी खाँसी) मधुमेह फ़िब्रोइड अथवा कैंसर जैसी बीमारी!
कुपोषण!
अत्यधिक श्रम!
*लक्षण:-*
योनि स्राव!
कमज़ोरी,आलस्य,चिड़चिड़ापन,उत्साह हीनता और थकान!
शिरः शूल(सिर दर्द),विबन्ध(कब्ज़),अपच अम्लपित्त,छाती में भारीपन,श्वास कृच्छता(सांस लेने में कठिनाई),स्मृति दौर्बल्य,दृष्टि दौर्बल्य,केश दौर्बल्य,यकृत दौर्बल्य,रक्ताल्पता एवं बहुमूत्र!
*पथ्य आहार विहार(सेवनीय):-*
हरी सब्ज़ियाँ केला,अंगूर,अनार,आंवला,संतरा,मोसम्मी,पपीता!
दूध दही मक्खन घी और छाछ!
मूंग चावल दलिया खिचड़ी और अंकुरित अनाज!
प्रातः भ्रमण यथाशक्ति श्रम,आसन योग और प्राणायाम!
*अपथ्य आहार विहार(असेवनीय)*
तेज़ और चटपटे मिर्च -मसाले,चाय ,कॉफ़ी तम्बाकू ,शराब ,मांसाहार ,गुड़,अचार,अमचूर,इमली,अरबी ,बैंगन,कटहल और जिमीकन्द!
*उपचार:-*
आयुर्वेद में श्वेत प्रदर हेतु अनेकों औषधियों का उल्लेख है पाठकों की सुविधा हेतु यहां कुछ घरेलू प्रयोग एवं दो व्यवस्थापत्र(Prescriptions) दिए जा रहें हैं पाठक अपने चिकित्सक की देखरेख में इनका प्रयोग कर सकते हैं! यदि आपके क्षेत्र में सुयोग्य चिकित्स्क अथवा औषधि उपलब्ध न हो तो ही लेखक से प्रातः 10.00 से 12.00 दोपहर 2.30 से 5.00 बजे सम्पर्क करें!
{A} घरेलू प्रयोग:-
1.जीरा:- जीरे को बारीक कपड़छान चूर्ण कर लें! रात को 2-3 चम्मच चूर्ण एक गिलास पानी में भिगो दें प्रातः यही पानी अच्छी तरह हिलाकर जीरे सहित पी लें!
2.केला और घी:- एक पके केले पर एक चम्मच जो घृत लगाकर प्रातः सांय सेवन करें!
3. मूंग:- भुने मूंग के आटे के लड्डू श्वेत प्रदर रोगी हेतु अच्छी औषध हैं! भुने मूंग के आटे को शुद्ध घृत में सेककर उसमें देशी बूरा मिलाकर लड्डू बना लें! प्रतिदिन प्रातः ये लड्डू 100 ग्राम खाने से श्वेत प्रदर दूर होता है!
4. चावल क मांड:-प्रतिदिन सांय भोजन से 2-3 घण्टे पहले चावल का मांड पीने से श्वेत प्रदर ठीक होता है!
5.गुड़हल की 4-5 कलियों को शुद्ध घृत में तलकर मिश्री युक्त दुग्ध के सेवन करने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है!
6.इमली बीज:-इमली के बीजों को 10-15 घण्टे पानी में भिगोकर उनका छिलका उतार कर सुखा लें! छिलके रहित बीजों को बारीक पीसकर कपड़छान चूर्ण कर लें! यह पानी के साथ ले
मनदीप कौर
रतिया