धान की बुआई (Dhan ki buai) के लिए, आपको खेत की तैयारी, बीज का उपचार, और फिर बुआई करनी होगी। आप सीधी बुआई या रोपाई विधि का उपयोग कर सकते हैं। सीधी बुआई में, बीज को सीधे खेत में बोया जाता है, जबकि रोपाई में, पहले नर्सरी में बीज उगाए जाते हैं और फिर पौधों को मुख्य खेत में लगाया जाता है।
खेत की तैयारी:
जुताई:
खेत को अच्छी तरह से जोत लें। पहली जुताई के बाद, पाटा चलाएं ताकि मिट्टी समतल हो जाए।
पडलिंग:
पानी भरकर 2-3 बार कल्टीवेटर से जुताई करें।
खाद:
गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालकर मिट्टी को उपजाऊ बनाएं।
बीज का उपचार:
बीज भिगोना:
बुआई से 10-12 घंटे पहले बीजों को पानी में भिगो दें।
बीज उपचार:
बीज को फफूंदनाशक से उपचारित करें।
बुआई:
सीधी बुआई:
नम विधि: खेत में नमी होने पर, सीड ड्रिल से बीज बोएं।
सूखी विधि: खेत को तैयार करके मशीन से बुवाई करें और बारिश या सिंचाई का इंतजार करें।
रोपाई:
नर्सरी में बीज उगाएं और फिर पौधों को मुख्य खेत में लगाएं।
सिंचाई:
बुआई के बाद, खेत में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई करें।
खरपतवारों को निकालने से पहले, खेत से पानी निकाल दें और फिर सिंचाई करें।
अन्य सुझाव:
बुआई का उपयुक्त समय जून-जुलाई है, जब मानसून की बारिश शुरू हो जाती है।
खेत को समतल करने के लिए लेजर लेवलर का उपयोग करें।
खरपतवार नियंत्रण के लिए, बुआई के बाद खरपतवारनाशक का छिड़काव करें।