ग्रेन एग्री कमोडिटी बाजार
बिहार,बंगाल में नई मक्की आवक शुरू
बिहार के व्यापारियों की राय के अनुसार पिछले साल मक्की का अधिक रेट मिलने से बिहार में मक्की की बिजाई पिछले साल से अलग अलग एरिया में 10/15 %अधिक बिजाई हुई है
बिहार में मौसम बढ़िया रहने से मक्की की छल्ली में मोटा दाना होने से उत्पादन में पिछले साल से 15/18% तक उत्पादन अधिक होने की संभावना है।
असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश,आंध्र प्रदेश, तेलगाना,कर्नाटक में नई मक्की की आवक प्रेशर बढ़ने से उत्पादन वाले क्षेत्र में लोकल मार्किट में मक्की के रेट में तेज गिरावट आई है।
आप को याद करवा दे पिछले साल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश,तेलगाना,कर्नाटक में बारिश नहीं होने से सूखा पड़ने के कारण मक्की के उत्पादन में 50/70 % जोरदार कमी आई थी ।जिस कारण बिहार से महाराष्ट्र,कर्नाटक, तेलंगाना,आंध्र प्रदेश,मध्य प्रदेश में मक्की रेलवे रैक से लोड हो कर गई थी जिस कारण बिहार की मंडियों में महाराष्ट्र ,आंध्र प्रदेश, तेलगाना, कर्नाटक की डिमांड अधिक आने से मक्की के रेट लोकल मार्किट में तेज चल रहे थे । परन्तु इस साल मक्की की फसल महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलगाना में बड़ी शानदार होने से मक्की उल्टा,तमिलनाडु,पंजाब, हरियाणा , उत्तरांचल, यूपी,गुजरात ,झारखंड, छत्तीसगढ़ जा रही है
पिछले 3 /4 साल से मध्य प्रदेश में मक्की का उत्पादन साल में दो बार होने लगा है जिस कारण मध्य प्रदेश में मक्की का उत्पादन बढ़ने से मध्य प्रदेश की फीड मिल, इंथॉल प्लांट की डिमांड लोकल में पूरी होने लगी है , जिस कारण मध्य प्रदेश की लोकल में पूर्ति होने से महाराष्ट्र,बिहार से मक्की की आपूर्ति की निर्भरता कमजोर पड़ गई है
आलू की पिटाई होने के बाद पंजाब, हरियाणा, यूपी में 10/15%मक्की की अधिक बिजाई हुई है पोल्ट्री फार्म में बूढ़ी मुर्गी बेचने से 35/40% मक्की बाजरा की खपत कम हो गई है
महाराष्ट्र,कर्नाटक,बिहार और दिल्ली के व्यापारियों ने गुजरात,उत्तरांचल, झारखंड,छत्तीसगढ़, यूपी,हरियाणा,पंजाब की इंथॉल और फीड फैक्ट्री में मक्की का एडवांस सौदा फरवरी में 2250/2350 डिलीवरी में सौदा हुऐ थे मक्की का उत्पादन अधिक होने के समाचार से मंडियों में मक्की की आवक शुरू होने से मक्की का एडवांस सौदा मार्च के दूसरे हफ्ते में घट कर 2120/2200 डिलीवरी में पहुंच रह गया है मक्की में मंदा आने का दूसरा मुख कारण इंथॉल प्लांट को सरकारी चावल 2200 में मिलने लगा है चावल में स्टार्च 67/68% होताहै मक्की में स्टार्च सिर्फ 58/62 % होता है मक्की में तीसरा मुख कारण एक्सपोर्ट में पड़ता नहीं होना बताया जा रहा है चौथा मुख कारण नया जो 250/300 रुपए मक्की से सस्ता मिलने से मक्की की डिमांड कम होना बताया या रहा है मक्की के व्यापारियों और एक्सपोर्ट की राय अनुसार जल्दीही मक्की में 300/350 रुपए और बाजरा में 150/200 मंदा का जबरदस्त झटका लगा सकता है